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स्नैपचैट की गलती का खामियाजा स्नैपडील ने कुछ यूं भुगतना पड़ा | सौरभ कुमार श्रीवास्तव

स्नैपचैट की गलती का खामियाजा स्नैपडील ने कुछ यूं भुगतना पड़ा | सौरभ कुमार श्रीवास्तव 
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्नैपडील के एप को लोगों ने अपने मोबाइल से हटाना शुरू कर दिया। दरअसल, एक जैसै नाम के कारण यह भ्रम फैला और लोगों ने स्नैपचैट की जगह स्नैपडील को अनस्टॉल करना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया में एक मैसेज वारयल हुआ, जिसमें कहा गया था कि स्नैपचैट के सीईओ ईवान स्पिगल ने कहा है कि उनकी कंपनी को भारत और स्पेन जैसे जैसे 'गरीब देशों' में अपने व्यवसाय का विस्तार करने में कोई रुचि नहीं है। यह बयान आते ही बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर भरतीयों ने कंपनी को जमकर निशाना बनाया और अपनी नाखुशी जाहिर की।
जल्द ही #BoycottSnapchat ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर 69,000 लोगों ने इसे लेकर ट्वीट किए। लोगों ने इसे अनस्टॉल करना शुरू कर दिया, ऐप के खराब रेटिंग दी जाने लगी और कई प्लेटफॉर्म पर कमेंट किए जाने लगे।
मगर, इस बीच कुछ लोगों ने गलती से स्नैपचैट को स्नैपडील समझ लिया और उन्होंने अपने मोबाइल से स्नैपडील के एप को हटाना शुरू कर दिया। मामले का पता तब चला, जब लोगों ने स्नैपडील अनस्टॉल करने के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट करना शुरू किए।
इस बीच, स्नैपडील के सह-संस्थापक और सीईओ कुणाल बहल ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि यही आखिरी चीज बची थी, जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे यह भी करना होगा। हालांकि, कई यूजर्स ने यह भी समझाया कि दोनों ऐप अलग कैसे हैं। कुणाल ने कहा कि रेटिंग्स को बैलेंस करने का का समय है। स्नैपचैट के सीईओ ने गलत बातें कहीं हैं। मगर, इसका खामियाजा स्नैपडील को भुगतना पड़ रहा है। कृपया अपनी रेटिंग्स बदल दें।
यह पहला मौका नहीं है जब लोगों ने स्नैपडील का बहिष्कार किया हो। इससे पहले साल 2015 में कंपनी के ब्रांड एंबेसडर आमिर खान द्वारा असहिष्णुता वाला बयान देने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला था और तब भी लोगों ने स्नैपडील के ऐप को अनस्टॉल करना शुरू कर दिया था।

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