सार्वजनिक Wi-Fi का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय उठाते हैं जोखिम - सौरभ कुमार श्रीवास्तव
सार्वजनिक Wi-Fi का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय उठाते हैं जोखिम - सौरभ कुमार श्रीवास्तव
देश में करीब 96 फीसद लोग सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने के लिए अपनी निजी जानकारियों को बताकर जोखिम उठाते हैं। मुफ्त की वाई-फाई सेवा का लाभ वे बैंक एकाउंट को चेक करने, निजी तस्वीरों और वीडियोज को शेयर करने में करते हैं।
एंटीवायरस बनाने वाली सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी नॉर्टन की ‘Norton Wi-Fi Risk Report 2017’ में कहा है कि अच्छे वाई-फाई एरिया में आने के बाद खुद को इंटरनेट से कनेक्ट करने से वह रोक नहीं पाते हैं। यूजर का यह ऑनलाइन बिहेवियर उनकी निजी जानकारियों को जोखिम में डाल देता है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोचता है कि वह अपनी निजी डिवाइस पर जो कर रहा है वह निजी है, लेकिन असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क्स पर साइबर अपराधी उसे देख सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 73 फीसद भारतीय वाई-फाई एरिया में आते ही इंटरनेट से कनेक्ट कर लेते हैं।
इनमें से 19 फीसद लोग निजी ई-मेल, 35 फीसद लोग तीन मिनट का विज्ञापन, 22 फीसद लोग निजी तस्वीरें, 16 प्रतिशत लोग ऑनलाइन डेटिंग प्रोफाइल, 19 फीसद लोग कॉन्टेक्ट लिस्ट, 19 फीसद लोग निजी सोशल मीडिया प्रोफाइल का उपयोग करने और यहां तक कि उन्हें एडिट करने की इजाजत फ्री का वाई-फाई इस्तेमाल करने के लिए दे देते हैं।
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