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आपके पास भी है आईफोन तो नहीं मिल पाएगा 'डू नॉट डिस्टर्ब' का लाभ, जानिए क्यों - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

 आपके पास भी है आईफोन तो नहीं मिल पाएगा 'डू नॉट डिस्टर्ब' का लाभ, जानिए क्यों - सौरभ कुमार श्रीवास्तव 


ऐपल के ऐप स्टोर में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) का बनाया डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) ऐप शामिल नहीं है। मतलब देश में ऐपल का फोन चलाने वाले यूजर्स इस ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिसका मकसद अनचाहे कॉल्स और मैसेजेस को रोकना है।

सवाल उठता है कि ऐपल ने ऐसा क्यों किया? एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ऐपल ने डीएनडी ऐप को अपने स्टोर में शामिल नहीं किया है। दरअसल, डाउनलोड करने के बाद यह ऐप यूजर्स से उसकी निजी जानकारी जैसे- लोकेशन, कॉन्टेक्स्ट, कॉल लॉग, एसएमएस शेयर करने की अनुमति मांगता है। इन्कार करने पर ऐप इंस्टॉल नहीं होता।
मालूम हो, पिछले माह ट्राई ने डीएनडी ऐप का अपडेट वर्जन लांच किया था। इसमें टेलिमार्केटिंग के लिए कॉल्स करने वालों की पहचान करने की सुविधा है। इस ऐप की मदद से यूजर स्पैम एसएमएस की रिपोर्टिंग कर सकता है और फर्जी कॉल्स को ब्लॉक कर सकता है।
हालांकि ट्राई के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी ऐप का निजी जानकारी मांगना नई बात नहीं है। जब फेसबुक, व्हाट्सऐप, लिंक्डइन, झोमाटो जैसे ऐप इसी तरह काम करते हैं तो डीएनडी ऐप पर आपत्ति क्यों? ऐपल खुद भी इसी तरह यूजर्स का डाटा जुटाती है, लेकिन उसे दूसरों का ऐसा करना पसंद नहीं।

खबर है कि ट्राई पूरे मामले का अध्ययन कर रही है। उसका मानना है कि ऐप इकॉनमी अन-रेग्युलेटेड है, इस कारण यह स्थिति बनी है। विभिन्न कंपनियों और ऐप्स बनाने की प्रक्रिया पर बात की जा रही है, ताकि यूजर का निजी डेटा शेयर करने को लेकर नियम बनाए जा सकें।

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