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आधार के डेटा को निशाना बना सकता है रैनसमवेयर वानाक्राय - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

आधार के डेटा को निशाना बना सकता है रैनसमवेयर वानाक्राय - सौरभ कुमार श्रीवास्तव 
भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) में स्टोर किया गया आधार डेटा को रैनसमवेयर वानाक्राय के हमले से खतरा पैदा हो गया है। यह वायरस कई देशों में फैल चुका है। कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री एसोसिएशन (CompTIA) इंडिया के रीजनल डायरेक्टर प्रदीप्तो चक्रवर्ती ने कहा कि अभी तक आधार के डेटा पर अटैक की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
मगर, अन्य एजेंसियों के साथ आधार डेटा को साझा करने से सर्वर से डेटा को मिटाने का खतरा पैदा हो सकता है। रैनसमवेयर पर CompTIA के विचारों को साझा करते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि यूआईडीएआई पर इस तरह के हमले की कल्पना करना डरावना है। आधार मुख्य रूप से एक नॉन-लिंक सेवा थी, यानी इसमें ज्यादातर नागरिकों की जनसांख्यिकीय जानकारी दी गई थी।
मगर, अब यह बैंक खातों, आयकर और मोबाइल सेवा ऑपरेटरों जैसे अन्य संवेदनशील संसाधनों से जुड़ गया है। ऐसे में इस बात का बड़ी खतरा पैदा हो गया है कि हैकर इसमें घुसपैठ कर सकते हैं। चक्रवर्ती ने बताया कि ऐसी स्थिति की कल्पना करें, जहां आधार के माध्यम से घुसपैठ की जाती है।
यूजर के बैंक खाते को उनके आधार संख्या से जोड़ा गया है। ऐसे में रैनसमवेयर खाते को लॉक कर सकता है और जब तक 'फिरौती' का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक खाते को उपयोग करने से रोक सकता है। अभी तक यूरोप में वर्तमान हमले को देखते हुए ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि कि व्यक्तिगत सेवाओं में इसका दुरुपयोग किया गया है।
मगर, यूआईडीएआई के साथ यदि ऐसी कोई घटना होती है, तो आप आसानी से विनाश के पैमाने की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक उपयोग की मात्रा बढ़ रही है।
आधार आपके बैंक खाते से जुड़ा हुआ है और यदि हम पर्याप्त रूप से तैयार नहीं हैं, तो ऐसे हमलों की आशंका काफी बढ़ जाती है। CompTIA के अलर्ट पर जवाब देते हुए यूआईडीएआई के उप महानिदेशक एमवीएस रामी रेड्डी ने बताया कि आधार के डेटाबेस में अभी तक कोई भी खतरा नहीं मिला है। हमने सर्वरों को सुरक्षित बनाए रखा है और वर्तमान परिदृश्य पर निगाह रख रहे हैं।

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