और अधिक खतरनाक होगी भविष्य में होने वाली हैकिंग | सौरभ कुमार श्रीवास्तव
और अधिक खतरनाक होगी भविष्य में होने वाली हैकिंग | सौरभ कुमार श्रीवास्तव
हैकिंग कैसे होती है और इसे क्यों किया जाता है। किसी दूसरे के कम्प्यूटर से छेड़छाड़ को हैकिंग कहा जाता है। इस छेड़छाड़ को इंटरनेट और स्पेशल प्रोग्राम के जरिए अंजाम दिया जाता है। हैकिंग के माध्यम से हैकर किसी दूसरे व्यक्ति के कम्प्यूटर या मोबाइल से बेहद जरूरी जानकारियां चोरी कर सकते हैं। कई बार वो आपके कम्प्यूटर या मोबाइल को खराब भी कर देते हैं।
जानकारों का कहना है कि हैकिंग से बचने के लिए बाजार में तमाम सॉफ्टवेयर मौजूद हैं लेकिन इस पर रोक लगाने का कोई तरीका अभी तक नहीं बना है।
हैकर्स का मकसद पैसा कमाना भी हो गया है। कई बार दो देशों के बीच भी हैकिंग की जाती है।
यही वजह है कि अब दुनिया के कई देश साइबर सुरक्षा पर फोकस बढ़ा रहे हैं। लेकिन हैकर्स के हौंसले अभी भी जस के तस बने हुए हैं। आइए जानते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में हैकिंग किस कदर खतरनाक हो जाएगी और इससे कौन-कौन से क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
औद्योगिक सुरक्षा
किसी भी औद्योगिक सेटअप में कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो काफी ज्यादा संवेदनशली होती हैं। मसलन, प्राकृतिक गैस की सप्लाई, पानी के पाइप, पावर लाइंस, न्यूक्लियर पावर स्टेशन। आजकल के सेटअप में इन्हें कम्प्यूटर नेटवर्क के जरिए कंट्रोल और मॉनिटर किया जाता है। अगर हैकर्स इसे हैक करने में सफल हो जाएंगे तो किसी बहुत बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
क्रूज़ कंट्रोल
हैकर्स किसी भी कार के कम्प्यूटर को हैक करके उसके कंट्रोल सिस्टम पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं। इसके बाद कार में भले ही आप बैंठे हों, लेकिन उसका नियंत्रण हैकर के पास रहेगा।
पेसमेकर
आधुनिक पेसमेकर्स को कम्प्यूटर से कनेक्ट करके उसकी मॉनिटरिंग की जाती है। इसके लिए वाई-फाई सिग्नल्स का उपयोग किया जाता है। हैकर्स इसे भी हैक कर सकते हैं।
न्यूक्लियर खतरा
आजकल सभी सामरिक केंद्रों तथा हथियारों को कम्प्यूटर से कंट्रोल किया जाता है। ऐसे में अगर हैकर्स की पहुंच यहां तक हो जाए तो परमाणु युद्ध शुरू हो सकता है।
हवाई यात्रा
हवाई यात्रा करने वालों पर भी हैकर्स का खतरा मंडराता रहता है। यदि एयर ट्रांजिट सिस्टम को किसी हैकर्स ने हैक कर लिया तो पायलट और ग्राउंड कंट्रोल टीम कुछ नहीं कर सकेगी। हाल ही में पोलैंड के पोलिश एयरलाइंस के एक विमान के कम्प्यूटर्स को हैकर्स ने हैक कर लिया था। विमान में 1400 यात्री सवार थे और उसे चोपिन एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।
शेयर बाजार
2010 में शेयर बाजार में दर्ज की गई यकायक गिरावट की वजह कम्प्यूटर प्रोग्राम में गड़बड़ी को माना गया था। लेकिन इससे यह भी तय हो गया था कि यदि कभी किसी हैकर ने शेयर मार्केट के नेटवर्क को हैक करने में सफलता हासिल कर ली तो वो देश की अर्थव्यवस्था को लंबा नुकसान पहुंचा सकता है।
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