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किसी हॉल जितना बड़ा था दुनिया का पहला कम्प्यूटर - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

किसी हॉल जितना बड़ा था दुनिया का पहला कम्प्यूटर - सौरभ कुमार श्रीवास्तव 

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि दुनिया का पहला कम्प्यूटर कितना बड़ा रहा होगा? दरअसल, घरों में टेबलों पर रखे जाने वाले कम्प्यूटर (मॉनिटर, सीपीयू, की-बोर्ड व माउस) भी अब पुराने दौर की बात हो गए हैं।
आज तो छोटे से छोटे लैपटॉप और पामटॉप का जमाना है। जल्द ही इनसे भी छोटी डिवाइस आएंगी और वे कम्प्यूटर के वर्तमान स्वरूप को भी और छोटा बना देंगी। हालांकि साइज छोटी होने के बावजूद इनकी कार्यक्षमता कई गुना ज्यादा होगी।

चित्र में आप जो देख रहे हैं, वह दुनिया का पहला कम्प्यूटर है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया में 15 फरवरी 1946 को बना यह कम्प्यूटर किसी बड़े हॉल जितना बड़ा था। इसमें तारों के विशाल गुच्छे थे। तब यह अमेरिकी सेना के लिए गणना के काम में लिया जाता था।

बाद में धीरे-धीरे यह तकनीक विकसित होती गई और आज हाल ये हैं कि हमारे हाथ में समा जाने वाले छोटे से स्मार्टफोन भी इस कम्प्यूटर से हजारों गुना ज्यादा एडवांस और ज्यादा कार्यक्षमता वाले होते हैं।

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